Punjab:पंजाब में चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल से महंगा हुआ पेट्रोल, जानिए जेब पर कितना पड़ा बोझ – Petrol Become Costlier In Punjab Than In Chandigarh, Haryana And Himachal Pradesh


पंजाब में बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम

पंजाब में बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम
– फोटो : सोशल मीडिया

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पंजाब में पेट्रोल चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल से महंगा हो गया है। हिमाचल प्रदेश के मुकाबले पंजाब में प्रति लीटर डीजल के अब अतिरिक्त 3.19 रुपये अदा करने होंगे। पंजाब सरकार द्वारा शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल में 90 पैसे की बढ़ोतरी करने से सूबे के सभी शहरों में दाम बढ़ गए हैं। इससे जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा, वहीं आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी। नई दरें लागू होने से पंजाब में पेट्रोल हिमाचल से दो रुपये महंगा हो गया है। वहीं, इसके लिए हरियाणा के मुकाबले अब पंजाब में 27 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे।

वैट में 90 पैसे की बढ़ोतरी से मोहाली में डीजल के दाम 88.40 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। पड़ोसी राज्यों में डीजल की कीमत की तुलना करें तो शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रति लीटर डीजल 84.26 रुपये था, हिमाचल के बद्दी में 84.67 रुपये और जम्मू में 83.26 रुपये था। वहीं, चंडीगढ़ में पेट्रोल 96.20 रुपये प्रति लीटर था, बद्दी में 95.26 रुपये और जम्मू में 97.50 रुपये प्रति लीटर था। जानकारी के अनुसार पंजाब में प्रति लीट डीजल पर 1.5 रुपये सेस, 10 पैसे अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड, 25 पैसे स्पेशल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड, 9.92 प्रतिशत वैट और 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लागू हैं। इनमें अब 90 पैसे और बढ़ा दिए गए हैं।

वैट बढ़ाने से पंजाब में तेल बढ़ेगी तेल की तस्करी : मोंगिया

पेट्रोल पंप डीजल एसोसिएशन पंजाब के प्रदेश कार्यकारी सदस्य एवं मोहाली एसोसिएशन के प्रधान ईशविंदर मोंगिया ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर वैट में वृद्धि पंजाब में तेल की तस्करी को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में पहले ही पेट्रोल और डीजल की स्मगलिंग के मामले सामने आए हैं। सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। इससे प्रदेश में मालाभाड़ा बढ़ेगा, जिसका सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बेशक सरकार को इससे सालाना 300 से 400 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है, लेकिन यह निर्णय जनहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पिछले साल के चुनाव से पहले आप को प्रस्ताव दिया था कि अगर वे अकेले डीजल की कीमतों को पड़ोसी राज्यों के बराबर कर सकते हैं, तो वैट संग्रह प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा।



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