Panipat News:ई-टेंडरिंग के विरोध पर सीएम ने ग्रामीणों से पूछा, पारदर्शिता होनी चाहिए या नहीं – Responding To Protests Against E-trending, Exposure Should Be Highlighted Or Not


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल।
– फोटो : एएनआई

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ग्राम पंचायतों में ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू होने के बाद से सरपंच धरने पर बैठे हैं। सरपंचों ने पहले कुराना में मुख्यमंत्री के विरोध का भी एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को गोशाला का कार्याक्रम होने के नाते सरपंचों ने विरोध टाल दिया था। रविवार को गोशाला पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने ई-टेंडरिंग पर वहां मौजूद ग्रामीणों से ही पूछ लिया कि पारदर्शिता होनी चाहिए या नहीं, जिसका ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी मित्र सरकार के अच्चे कामों को भी गलत तरीके पेश करते हैं। ई-टेंडरिंग पोर्टल से काम पारदर्शी तरीके से होगा, लेकिन विपक्षी मित्र पोर्टल खत्म करना चाहते हैं। कहते हैं कि परिवार पहचान पत्र खत्म करो। जब हिसाब किताब रखेंगे, तभी गरीबों का कल्याण होगा। सभी को लाभ पहुंचाना है।

अगर वही पुराना जमाना आ गया तो नुकसान होगा। ई-टेंडरिंग का मकसद सिर्फ पारदर्शिता है। इसमें अधिकारी गड़बड़ी नहीं कर सकेगा। ई-टेंडरिंग से गलती चाहे कितने साल बाद भी पकड़ी जाए, लेकिन पकड़ी जाएगी जरूर।

उन्होंने कहा कि कई सरपंच हैं, जिन्होंने हिसाब-किताब नहीं दिया। पूछा तो बताया कि रिकार्ड खो गया। पारदर्शिता होगी तो ऐसा नहीं होगा। गांव के विकास के लिए हिरयाणा सरकार गंभीर है। गांवों के विकास के लिए 1100 करोड़ रुपये भेजे गए हैं।

इससे कुछ गांवों में विकास का काम शुरू भी हो गया है। जिनका पैसा आ गया है, उनसे विकास कार्य 31 मार्च तक पूरे करा लें। जो पैसा बचेगा, उसे गांव में ही दिया जाएगा। इसलिए अपने सरपंच को बताओ, काम कराना शुरू करें। इसमें गांव का ही फायदा है।



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