
शहडोल से जाने वाली साप्ताहिक ट्रेन में स्लीपर का एक डिब्बा ही नहीं लगाया गया।
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रेलवे प्रबंधन की गलती का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ा। अधिकारियों की लापरवाही से कई लोग या तो यात्रा से वंचित रह गए या तो रिजर्वेशन के बाद भी यहां-वहां बैठकर यात्रा करना पड़ी। दरअसल सोमवार को जाने वाली दुर्ग-अजमेर वीकली ट्रेन (18207) में स्लीपर कोच नंबर एस-13 लगाया ही नहीं गया, जबकि कई यात्रियों को इस कोच में बर्थ अलॉट की गई थी।
बता दें कि दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। सोमवार को दुर्ग-अजमेर वीकली ट्रेन अपने निर्धारित समय से एक घंटे विलंब से जब बिलासपुर जोन के उसलापुर रेलवे स्टेशन पहुंची तो जिन यात्रियों का कोच नंबर 13 में रिजर्वेशन था, वे कोच तलाशने लगे। ट्रेन में केवल एस-1 से एस-12 तक ही आरक्षित कोच लगे थे। काफी देर बाद भी जब यात्रियों को उनका कोच नहीं मिला तो वे एस 10 में चढ़ गए। जहां मौजूद टीटीई को यात्रियों ने अपनी समस्याएं बताई। लेकिन टीटीई ने कह दिया कि इसमें वे क्या कर सकते हैं। यह तो रेलवे प्रबंधन की गलती है। फिर भी अपने स्तर पर मैं देखूंगा कि कुछ यात्रियों के लिए बर्थ की व्यवस्था हो सके।
इस संबंध में पीआरओ बिलासपुर जोन अम्बिकेश साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा किसी कारणवश कोच नहीं लगा होगा। यात्रियों के लिए टीटीई बर्थ की व्यवस्था करेंगे।