Milk Side Effects: 10 तरह के लोग न पिएं दूध, वैज्ञानिकों का दावा-हड्डियों से छिन जाएगा कैल्शियम, कैंसर का भी खतरा – what happens if milk price hike, these 10 types of people should not drink milk


दूध आपकी डाइट का सबसे अहम हिस्सा है। दूध और दूध से बने उत्पादों का रोजाना सेवन किया जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को दूध पीने की सलाह दी जाती है। दूध का रोजाना खाई जाने वाली कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है।

दूध पीने के फायदे क्या हैं? दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है। इसकी वजह यह है कि इसमें शरीर के बेहतर कामकाज के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। दूध प्रोटीन, कैल्शियम, कैल्शियम, विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी 12, पोटैशियम, फास्फोरस, विटामिन ए और विटामिन डी का भंडार है।

दूध पीने के नुकसान क्या हैं? नियमित रूप से दूध पीने से इम्यूनिटी मजबूती बनती है, हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है, बालों व त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार होता है, तनाव और वजन कम होता है, डायबिटीज कंट्रोल होती है और अच्छी नींद आती है। इतने फायदे होने के बावजूद दूध पीने के कुछ नुकसान भी हैं।

हड्डियों के कमजोर होने का खतरा

हड्डियों के कमजोर होने का खतरा

हमेशा यह कहा जाता है कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत बनती हैं क्योंकि इसमें कैल्शियम पाया जाता है। मगर Peta की एक रिपोर्ट कहती है कि गाय का दूध पीने वालों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। पेटा का मानना है कि पशु प्रोटीन टूटने पर एसिड का उत्पादन करते हैं और कैल्शियम एक एसिड न्यूट्रलाइज़र है। एसिड को बेअसर करने और बाहर निकालने के लिए शरीर को दूध में मौजूद कैल्शियम का उपयोग करना पड़ता है। यही वजह है कि दूध का हर गिलास हड्डियों से कैल्शियम को बाहर निकालता है।

प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम

प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दूध और अन्य डेयरी उत्पादों के अधिक सेवन से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने 32 अलग-अलग अध्ययनों से डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि ज्यादा फैट वाले दूध, अन्य डेयरी उत्पाद या पनीर के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

NCBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों में फैट की मात्रा अधिक होती है और यही वजह है कि इनके सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। लगभग 10,000 महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं कम फैट वाली डाइट लेती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा होने का जोखिम 23% कम होता है।

हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है सैचुरेटेड फैट

हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है सैचुरेटेड फैट

pcrm.org की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में धमनियों को ब्लॉक करने वाला सैचुरेटेड फैट पाया जाता है। दूध से बने उत्पादों में कोलेस्ट्रॉल भी होता है। फैट, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल वाली चीजें हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाती हैं।​

लैक्टोज इंटॉलरेंस

लैक्टोज इंटॉलरेंस

लैक्टोज इंटॉलरेंस पाचन से जुड़ी एक समस्या है, इस विकार में आपकी बॉडी लैक्टोज को पचा नहीं पाती है। लैक्टोज इंटॉलरेंस की वजह से दूध और दूध से बने उत्पादों की वजह एलर्जी हो सकती है। शिशुओं और बच्चों में एंजाइम पैदा होते हैं, जो लैक्टोज को तोड़ते हैं लेकिन बड़े होने पर यह क्षमता कम हो सकती है। लैक्टोज इंटॉलरेंस होने से पेट की खराबी, दस्त और गैस आदि की समस्या हो सकती है।

मिल्क प्रोटीन और डायबिटीज

मिल्क प्रोटीन और डायबिटीज

गाय का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज का जोखिम भी जुड़ा है। साल 2001 में 3000 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गाय का दूध पीने से उनमें टाइप 1 डायबिटीज की शुरुआत देखी गई। इतना ही नहीं, इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन शिशुओं को पहले तीन महीने गाय का दूध नहीं दिया जाता, उनमें टाइप 1 डायबिटीज की 30 फीसदी कमी देखी गई।

यह भी हैं दूध के नुकसान

यह भी हैं दूध के नुकसान

पेटा की रिपोर्ट बताती है कि गाय के दूध और दूध से बने उत्पादों के अधिक सेवन से आपको मुहांसे, ओवेरियन कैंसर, दूध से एलर्जी, एंटीबायोटिक का असर खत्म होना और वजन बढ़ना जैसे नुकसान भी हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।



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