
सम्मान…
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जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में रविवार को देश-दुनिया के 251 लोगों को कबीर कोहिनूर सम्मान से विभूषित किया गया। ये सभी पर्यावरण, नशा मुक्ति, समाज सुधार, नारी शक्ति, हस्तकला, साहित्य, संगीत, पर्यावरण व कविता लेखन जैसी विधाओं में काम कर रहे हैं। इस दौरान ‘आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान’ किताब का 28 भाषाओं में विमोचन किया गया। इसके बाद एक अन्य पुस्तक ‘नरेंद्र मोदी ब्रह्मांड का चमकता तारा’ का भी विमोचन किया गया।
सद्गुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष महंत डॉ. नानक दास जी महाराज के सानिध्य में समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि पीएससी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रमेशचंद्र रतन के अलावा जिंबाब्वे यूनिवर्सिटी के मानद कुलपति डॉ. सौरभ पाण्डेय, विश्व भारती के आचार्य डॉ. लोकेश मुनि, अयोध्या धाम के महंत सुधीरदास, महंत नरेंद्र साहेब, शशिकांत यादव, भामाशाह शंकरलाल कुलरिया, रामधन पोटलिया, डॉ. परिन सोमानी, पद्मश्री हिम्मताराम शाम्बू, डॉ. बीएल गौड़, इंद्रजीत शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी जैसे तमाम लोग शामिल थे। खासकर मगहर के महंत विचारदास महाराज भी कार्यक्रम में शामिल थे।
जिंबाब्वे यूनिवर्सिटी के मानद कुलपति डॉ. सौरभ पाण्डेय द्वारा महंत डॉ. नानक दास जी महाराज, साहित्यकार डॉ. अभिषेक कुमार और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. शंभू पंवार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया। कालूराम बांवड़िया ने कबीर के भजन गाकर सबको आध्यात्म की गहराइयों में गोते लगाने पर मजबूर किया। मन लागा मोरा यार फकीरी में, वह सुख नाहिं अमीरी में और धीरे-धीरे गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले जैसे भजनों ने सबको भाव विभोर होकर झूमने पर मजबूर किया।
महंत नानक दास जी महाराज ने कहा कि अगला कबीर कोहिनूर सम्मान समारोह लंदन में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में सबसे छोटी उम्र की सृष्टि गुलाटी को भी कबीर कोहिनूर सम्मान मिला। सृष्टि के पास सात साल की उम्र में सबसे ज्यादा प्रमाणपत्र हासिल करने का कीर्तिमान है। नृत्य, पेंटिंग, फैशन शो जैसी विधाओं में अब तक 720 प्रमाणपत्र, 90 अवार्ड और 24 मेडल अपने नाम किए हैं।