
केके पाठक के नए वीडियो में महिला भी बैठक के दौरान दिख रहीं। वह गालियां दे रहे।
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बिहार में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत सीनियर IAS अधिकारी केके पाठक की नजर में बिहार और बिहारी कितने खराब हैं, यह दिखाने वाला एक और वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह गाली देते हुए बता रहे हैं कि बिहार में कोई आम आदमी नहीं है। वह सामने बैठे और वीडियो कांफ्रेंसिंग में मौजूद अफसरों को कह रहे हैं कि उन्हें मां-बहन की गाली सुनने के बाद अक्ल आती है। जिस समय वह सरकारी भाषा में ‘असंदर्भित शब्द’ बोल रहे हैं, उस समय बैठक में महिला भी दिख रही हैं। इस वीडियो में वह इंजीनियर को बंदर, गधा, उल्लू का पट्ठा कहते सुने जा रहे हैं। गालियों वाले इनके पिछले वीडियो के वायरल होने पर उन्होंने खुद माफी नहीं मांगी थी। वह जिस संस्थान के यह महानिदेशक हैं, उसके एक संकाय सदस्य की ओर से पत्र जारी किया गया और उसके साथ बिना हस्ताक्षर के जारी प्रेस विज्ञप्ति में गालियों को ‘असंदर्भित शब्द’ लिखा गया था।
जानें, ताजा वीडियो में क्या-क्या कहा पाठक ने
ताजा वीडियो में वह उसी कक्ष में नजर आ रहे हैं, जिसमें पिछली बैठक के दौरान दिखे थे। इस वीडियो में वह सामने बैठे और वीडियो कांफ्रेंसिंग पर जुड़े अफसरों-कर्मियों को डांटते हुए बहुत कुछ कह रहे हैं। पाठक यह बातें कहते सुने जा रहे- “बस मां-बहन की गाली सुनने के बाद अक्ल आती है। अभी तुम्हारी मैडम को फोन लगाता हूं।” (महिला अधिकारी को काॅल लगाने के लिए कहते हैं)। फिर वीडिया कांफ्रेंसिंग हॉल में ही- “सब … सर। अबे … यहां सर ही तो हैं, यहां आम आदमी कौन है बिहार में…। कहां मर गया रोहतास?” जवाब मिलने पर- “अरे ये जो को-ऑपरेटिव का बंदर बैठा है, उसे (अस्पष्ट वाक्य)।” फिर वही बुदबुदाते हुए- “…उल्लू के पट्ठे इंजीनियर गधा। कॉल पर- दस हजार लेता है तो दो, कराओ। सब के सब निकम्मे, गधे कहीं के।”
पिछले वीडियो में ज्यादा अमर्यादित शब्द थे
पिछले वीडियो में पाठक कहते दिखे-सुने गए थे- …डिप्टी कलेक्टर का मां-बहन एक कर दो। साला बिहार एडमिनिस्ट्रेशन! यहां का लोग आदमी ऐसा है। चेन्नई में आदमी … बाएं से चलता है, यहां देखे हो किसी को बाएं से चलते? लाल लाइट में हॉर्न बजाते देखे हो चेन्नई में किसी को? यहां … ट्रैफिक में खड़ा होकर पेंपेंपेंपें हॉर्न बजाएगा! देखे नहीं हो क्या तुमलोग बेली रोड पे? … लाल लाइट भी है और पेंपें भी करेगा। … यहां का आदमी आज भी है! यहां डिप्टी कलेक्टर … का ये हाल है। अब मैं … की मैं, अरे दो-चार लोग लिखकर तो दो … डिप्टी कलेक्टर … इनकी ऐसी-तैसी करता हूं। कल जरा भेजो उसको।
मुख्यमंत्री जांच का भरोसा दे रहे, थाना सनहा पर चुप
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक मामला पहुंच चुका है, लेकिन अबतक इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि इसमें मुख्य सचिव को जांच कराने के लिए कहा गया है। शुक्रवार को बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) के अधिकारियों ने पूरे बिहार में काला बिल्ला लगाकर काम करते हुए केके पाठक का विरोध किया था। इसके पहले गुरुवार को पटना के सचिवालय थाने में पाठक के अपशब्दों के खिलाफ बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से तहरीर भी दी गई, जिसपर प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। इसे सनहा के रूप में लिया गया है, जिसका मतलब है कि थाने ने औपचारिक रूप से सूचना प्राप्त की है।