
नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सीएम जयराम ठाकुर
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नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि हिमाचल में श्रीलंका जैसे हाल हो जाएंगे, अगर श्रीलंका जैसे हाल हो जाएंगे तो उसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार कांग्रेस होगी। जिस प्रकार के वायदे उन्होंने जनता से किए हैं, जिसे वह 10 गारंटी के रूप में लाए थे, उससे सालाना हजारों करोड़ों का खर्च प्रदेश का बढ़ेगा। हिमाचल में विकास कार्य ठप हो जाएगा। मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि उन्हें चार साल चाहिए। प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए 4 साल बाद तो जनता ही सरकार को रुखसत कर देगी। जयराम ने शिमला में बयान जारी कर कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद जो सरकार सत्ता में आती है, उसे देनदारियों के रूप में कई खर्चे साथ में मिलते हैं, जैसे डीए की किस्त हो या पेंशन की देनदारी हो। मुख्यमंत्री सुक्खू बार-बार 11000 करोड़ का राग गा रहे हैं और इसे कर्ज में जोड़ रहे हैं। यह बिल्कुल गलत है। जब भाजपा सत्ता में आई थी तो उन्हें पूर्व कांग्रेस सरकार की देनदारियों को देना पड़ा था, जो उन्होंने अदा किया था। वर्तमान सरकार को यह सरल गणना समझ नहीं आ रही है।
कहा कि बार-बार 11000 करोड़ के बारे में बात कर कांग्रेस सरकार इसको कर्ज के साथ न जोड़े, यह गलत परंपरा कांग्रेस सरकार हिमाचल में शुरू कर रही है। सिर्फ आंकड़ों के मायाजाल से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता है। इस सरकार का अर्थशास्त्री कौन है, सलाहकार कौन है, जो इस प्रकार के सुझाव दे रहा है। अर्थशास्त्री केवल आंकड़ों के साथ खिलवाड़ करने का कार्य कर रहा है, पर सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता है। आज तक प्रदेश में 10 बार कांग्रेस की सरकार रही है। जब भी कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तो भाजपा सरकार से 2 से 3 गुना अधिक कर्ज उन्होंने लिया है। प्रदेश में अगर हर महीने महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे तो सालाना खर्च सरकार का 1895 करोड़ होगा। ऐसे ही हर गारंटी का लगभग इतना ही खर्च निकल कर सामने आएगा। कांग्रेस सरकार अभी तक अपनी एक भी गारंटी को पूरा क्यों नहीं कर पाई है, वह इसलिए क्योंकि उससे प्रदेश के ऊपर बहुत बड़ा वित्तीय संकट आ जाएगा। अब तो 620 से अधिक संस्थान बंद कर दिए हैं, इन्हें बंद कर पैसा बचता नहीं है, बल्कि विकास बाधित होता है। यह कांग्रेस की सरकार को समझना चाहिए।