Hockey World Cup 2023- दलितों के गांव पहुंचे डच खिलाड़ियों के परिजन, ग्रामीणों के साथ बिता रहे समय, रसोइये से बनवाया खाना


हाइलाइट्स

खेल के इतर खिलाड़ियों का परिवार ऐसे गांवों में जा रहा है जहां शायद ही कोई जाना चाहता हो
डच हॉकी सितारों के परिजनों ने एक बस किराए पर लेकर पुरी के पास स्थित दो गांवों की यात्रा की
नीदरलैंड के एक एनजीओ के स्थानीय कर्मचारियों ने उनके आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था की

भुवनेश्वर. भारत के ओडिशा राज्य में चल रहे हॉकी वर्ल्ड कप (Hockey World Cup 2023) को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा है. हालांकि खेल के रोमांच के इतर खिलाड़ियों का परिवार ऐसे गांवों में जा रहा है जहां शायद ही कोई जाना चाहता हो. शहरों की चकाचौंध से दूर नीदरलैंड (Netherland) के स्टार खिलाड़ियों के परिजन ओडिशा के दलित गांवों (Dalit villages) में जाकर ग्रामीणों के साथ वक्त बिता रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक डच हॉकी सितारों के परिजनों ने एक बस किराए पर लेकर पुरी के पास स्थित दो गांवों की यात्रा की जहां उन्होंने रसोइयों को भी अपने साथ रखा.

रिपोर्ट में बताया गया कि दलित गांवों की यात्रा का विचार नीदरलैंड में एक एनजीओ (इंडियन लाइट फाउंडेशन) की एक स्वयंसेवक कैथलीन का था. उन्हें इन गांवों के बारे में सूरीनामी-भारतीय पृष्ठभूमि के एक अन्य एनजीओ कार्यकर्ता द्वारा सूचित किया गया था, जिनसे वह भारत जाने से ठीक पहले मिली थीं. उन्होंने कहा कि यह गैर-लाभकारी संगठन दवाओं की आपूर्ति, शिक्षा का समर्थन करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा गांवों को स्वच्छ पानी प्रदान करने के लिए काम करता है. उन्होंने इस बारे में खिलाड़ियों के माता-पिता को बताया जिन्होंने उनके साथ गांव जाने की इच्छा जताई.

इसके बाद उनमें से लगभग 20 लोग जिसमें खिलाड़ियों के माता-पिता, गर्लफ्रेंड और पत्नियां शामिल थीं उनके साथ जुड़ गए. संगठन के स्थानीय कर्मचारियों ने उनके आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था की. उन्होंने रसोइयों को काम पर रखा, जो गांवों में उनके लिए भोजन तैयार करते थे. भोजन केले के पत्तों पर पारंपरिक शैली में परोसा गया.

फॉरवर्ड टेरेंस पीटर्स की मां कैथलीन ने कहा कि यह जीवन बदलने वाला अनुभव था. उन्होंने बताया कि नीदरलैंड में, यदि आप दान करते हैं, तो आप इस तथ्य पर भरोसा करते हैं कि पैसा कहीं और नहीं जाएगा. लेकिन वहां होना, लोगों को देखना और वे कैसे रहते हैं, कैसे संघर्ष करते हैं बहुत प्रभावशाली है.

Tags: Hockey World Cup, Netherlands, Odisha



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