
फसल बीमा योजना
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फसल बीमा योजना के 36 हजार आवेदनों में कमियां पाई गई हैं। इसमें से 12 हजार आवेदनों की कमियों को दूर कराकर पोर्टल पर अपलोड कराया जा चुका है, लेकिन अभी 24 हजार आवेदन पत्रों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। इसके लिए कृषि विभाग के कर्मचारी लगाए गए हैं। कई आवेदन पत्र ऐसे हैं, जिनके साथ दिए गए खेत या फसल का विवरण गलत है। बुधवार तक इन आवेदन पत्रों का सत्यापन पूरा किया जाना है।
जिले में करीब एक लाख किसान हर साल फसलों का बीमा कराते हैं। इस बिजाई सत्र के लिए 31 दिसंबर 2022 तक बीमा कराया गया था। कृषि विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पहली बार में ही करीब 36 हजार आवेदन ऐसे मिले, जिनके विवरण मिसमैच हो रहे थे।
कॉमन सर्विस सेंटरों से भरे गए इन आवेदन में से किसी में किसान का नाम गलत था, तो किसी में फसल का ब्योरा नहीं था। ऐसे करीब 12 हजार आवेदन को ठीक कराकर इन्हें अपलोड कराया गया। इसके बाद भी करीब 24 हजार आवेदन पत्र ऐसे हैं, जिन्हें वापस किया गया है।
संख्या अधिक होने के कारण कृषि विभाग की तरफ से इनका गांव-गांव कर्मचारियों के माध्यम से सत्यापन शुरू कराया गया। इसके बाद पता लगा कि कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने एक ही खेत में पहले गेहूं के लिए बीमा का आवेदन किया है और फिर उसी में किसी अन्य फसल का भी बीमा कराया है।
एक ही बिजाई सीजन में एक ही खेत में अलग-अलग फसल के बीमा के लिए हुए आवेदन वापस हुए हैं। इसके अलावा कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने खेत का क्षेत्रफल तो 25 एकड़ से ज्यादा बताया है, लेकिन उसका कोई पेपर अपलोड नहीं कराया है।
कर्मचारी जुटा रहे जरूरी दस्तावेज
जिन किसानों के आवेदन पत्र किसी त्रुटि के कारण वापस हुए हैं, उनके मोबाइल नंबर पर इससे संबंधित मैसेज भी बीमा कंपनी की तरफ से भेजा गया है। कृषि विभाग के अफसर किसानों को सुझाव दे रहे हैं कि वे 8 फरवरी तक अपने नजदीक के सीएससी जाकर आवेदन पत्र के साथ जमा किए जाने वाले जरूरी दस्तावेज अपलोड करा दें। विभागीय कर्मचारी भी किसानों से संपर्क कर उनकी समस्या का समाधान करा रहे हैं।