
सांकेतिक तस्वीर
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सुक्खू सरकार में तबादलों के लिए धड़ाधड़ डीओ नोट जारी हो रहे हैं, लेकिन तबादले खास लोगों के ही किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन होने के बाद ही तबादलों की फाइल को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कारण सचिवालय में हर दिन लोगों की भीड़ लग रही है। लोगों को अपने कार्यों के लिए सचिवालय के चार से पांच चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मंत्रियों की ओर से लोगों को डीओ नोट दिए जा रहे हैं, लेकिन ये नोट ब्रांचों से आगे नहीं खिसक रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में लोक निर्माण, पुलिस, जलशक्ति, राजस्व, बिजली बोर्ड, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से भी तबादलों के आवेदन आ रहे हैं। ब्रांचों में अधिकारियों के पास पांच हजार नोट पेंडिंग हैं। डीओ नोट में कोई सेवानिवृत्ति के करीब होने के कारण घर के नजदीक आना चाह रहा है तो कोई म्युचुअल स्थानांतरण करवाना चाह रहा है।
फिर कोई ऐसा भी है जिसके घर में कोई बीमार है तो वह स्वास्थ्य और घरेलू कारणों से तबादला चाह रहा है। किसी का तीन साल का एक ही स्टेशन पर वक्त पूरा हो गया है तो कोई शॉर्ट स्टे खत्म करवाना चाह रहा है। इस बारे मतें प्रधान सचिव मुख्यमंत्री भरत खेड़ा ने बताया कि तबादलों पर हर साल प्रतिबंध रहता है। बीच-बीच में में छूट दी जाती है।
पूर्व सरकार में प्रताड़ना का भी दिया जा रहा हवाला
तबादलों के लिए मंत्रियों के पास ऐसे लोग जा रहे हैं जो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रताड़ना का हवाला दे रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के शिमला होने पर वह शाम को लोगों की समस्याएं सुनते हैं, इसमें भी दर्जनों लोग ऐसे हैं जो तबादला की गुहार लगाते हैं।