
ट्रक ऑपरेटर दाड़लाघाट व बीडीटीएस पदाधिकारी।
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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों का अदाणी समूह के साथ मालभाड़े को लेकर विवाद लंबा खिंचता जा रहा है। ऑपरेटरों की महापंचायत अब 11 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को होगी। यह निर्णय शनिवार को हुई ट्रक ऑपरेटरों की बैठक में लिया गया। बैठक अंबुजा गेट पर की गई। इस दौरान बाघल लैंड लूजर सभा के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि 51 दिन तक लगातार शांतिपूर्ण विरोध कर रहे ऑपरेटरों ने शनिवार को एक बैठक आयोजित की। इस दौरान निर्णय लिया गया कि 20 फरवरी तक किसी भी प्रकार की रैली का आयोजन नहीं किया जाएगा। सोसायटियों के सभी सदस्य गांव-गांव जाकर 20 फरवरी को आयोजित होने वाली महापंचायत के बारे में बताएंगे। रैली को सफल बनाने और कंपनी के एकतरफा फैसले के कारण प्रभावित ट्रक चालकों, परिचालकों, किसानों, मजदूरों, ढाबा मालिकों और स्पेयर पार्ट्स व्यवसायियों को एकजुट करेंगे। उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को आयोजित होने वाली जनसभा में ही अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में भी इस विवाद का कोई सकारात्मक हल नहीं निकल सका। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्टर्स का न्यूनतम भाड़ा रेट संबंधी पक्ष कंपनी प्रबंधकों के पास रखकर इस विवाद को सुलझाने के लिए दो दिन का समय दिया है। लेकिन इधर ट्रांसपोर्टर्स ने 20 फरवरी तक किसी भी प्रकार की रैली या शांतिपूर्ण आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
दो दिन में नहीं निकला समाधान तो बड़ा आंदोलन होगा शुरू
वहीं, बरमाणा में एसीसी सीमेंट प्लांट बंद होने के 53 दिन बाद बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा (बीडीटीएस) ने कड़ा निर्णय लिया है। अदाणी के तानाशाही रवैये के बाद अब ऑपरेटरों का धैर्य दम तोड़ रहा है। सभा के पदाधिकारियों ने शनिवार को हुई बैठक में निर्णय लिया कि सोमवार से शुरू होने वाले आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसके लिए रविवार को सभी ऑपरेटरों को बीडीटीएस मैदान में बुलाया गया है। शनिवार को बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर और अध्यक्ष लेख राम वर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि 53 दिन के बाद भी सीमेंट विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है। इससे ट्रक ऑपरेटरों को आए दिन भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। तय हुआ कि रविवार से संघर्ष की रणनीति बदली जाएगी। पहले की तरह बीडीटीएस मैदान में इकट्ठा होने के बाद घर वापसी नहीं होगी, बल्कि संघर्ष का कड़ा रास्ता अपनाया जाएगा। इसके लिए सभी ट्रक ऑपरेटर बरमाणा पहुंचेंगे। लेखराम वर्मा ने बताया कि एसीसी फैक्ट्री में जैसे पहले ट्रक चलते थे, वैसे ही दोबारा चलेंगे। किसी भी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं होगा। कहा कि अदाणी अपनी शर्तों को भूल जाएं। उनका तानाशाही रवैया ऑपरेटर नहीं सहेंगे। ऑपरेटरों के हक के लिए जिस स्तर तक लड़ाई लड़नी होगी, प्रबंधन लड़ेगा। मुख्यमंत्री ने दो दिन का समय प्रबंधन से मांगा है। अगर दो दिन में मामला नहीं सुलझा तो प्रबंधन कड़े निर्णय लेगा और बड़े आंदोलन की शुरुआत होगी। उसके बाद किसी भी आश्वासन पर ऑपरेटर शांत नहीं होंगे।