
बीआरडी मेडिकल कॉलेज (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी वार्ड में मरीज देखने आए दिव्यांग तीमारदार पति-पत्नी को बेरहमी से पीटने के मामले में पांच जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मारपीट और बलवा का मुकदमा दर्ज किया गया है। पहले, पुलिस मुकदमा दर्ज करने से कतरा रही थी, लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आ गया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। उधर, मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी डॉक्टर कैंपस छोड़कर फरार हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, देवरिया जिले के मदनपुर निवासी शैला देवी (65) पत्नी रामदेवान को बृहस्पतिवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर के ऊपर स्थित पीओपी वार्ड के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया है। यहां उनके पेट का ऑपरेशन हुआ है। शुक्रवार दोपहर शैला देवी का भतीजा अजय कुमार अपनी पत्नी सुनीता के साथ उन्हें देखने आया था। पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं। जूनियर डॉक्टर ने एक पर्ची पर लिखकर प्रोटीन पाउडर लाने को कहा तो अजय ने कहा कि कोई इंजेक्शन नहीं है, जिससे घाव जल्दी भर जाए।
आरोप है कि इससे नाराज जूनियर डॉक्टर उन्हें गाली देना लगा। अजय ने गाली देने से मना किया तो जूनियर डॉक्टर ने उन्हें धक्का देना शुरू कर दिया। अजय मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगा। डॉक्टर ने मोबाइल छीन लिया। उसने फोन करके चार और जूनियर डॉक्टरों को बुला लिया। इसके बाद अजय को वार्ड से घसीटते हुए सीढ़ी से नीचे ले गए। इस दौरान आरोपी उन्हें लात, जूतों-चप्पलों और डंडे से पिटते रहे। आरोप है कि पति को बचाने आई पत्नी सुनीता को भी पीटा गया। मेडिकल चौकी पुलिस पहुंची तो जूनियर डॉक्टरों ने पुलिसकर्मियों के ऊपर भी हाथ छोड़ दिया। पुलिस की मौजूदगी में दिव्यांग की पिटाई की।
इन डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
सूचना पर एएसपी/सीओ चौरीचौरा मानुष पारिख भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जांच की। जांच के बाद शुक्रवार देर रात अजय की तहरीर पर पुलिस ने पांच जूनियर डॉक्टरों डॉ. सुमित यादव, डॉ. प्रभात शाह, डॉ. अंकित सिंह लोधी, डॉ. साईं प्रदीप, डॉ. आनंद प्रताप सिंह के खिलाफ मारपीट, बलवा की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग अजय और उनकी पत्नी सुनीता की पिटाई का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। सामाजिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं निदेशक, मानव सेवा संस्थान राजेश मणि ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिव्यांग की पिटाई अमानवीय है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस तरह की घटनाएं आए दिन होती हैं। लेकिन, इसके बाद भी इस पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है।