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भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज में बेटे का एडमिशन कराने के लिए मां फर्जीवाड़ा कर डाला। आरआईएमसी में दाखिले के लिए दो बार बेटे का आवेदन किया था। जब पहली बार जुलाई 2021 में आवेदन किया था तो उसकी जन्मतिथि 25 नवंबर 2008 दर्ज कराई थी। लेकिन, दूसरी बार जब अप्रैल 2022 में आवेदन किया तो उसके जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 23 जनवरी 2010 दर्शाई गई थी।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : amar ujala
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भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) में दाखिले में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुलिस ने दाखिले के लिए बेटे के जन्म प्रमाण पत्र में हेर-फेर करने वाली महिला को गिरफ्तार किया है। आरआईएमसी में फर्जीवाड़े का यह चौथा मामला है।
इंस्पेक्टर कैंट विनय कुमार ने बताया कि आरआईएमसी के ले. कर्नल एडमिनिस्ट्रेशन संदीप शंकर ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। बताया कि कैडेट अक्षत मित्रा निवासी प्रतापगढ़, नाडिया वेस्ट बंगाल ने मेरिट के आधार पर 24 जनवरी को आरआईएमसी में दाखिला लिया था।
जब कैडेट के प्रमाण पत्र की जांच की गई तो पता चला कि उसके माता-पिता ने जो जन्म प्रमाण पत्र जमा किया। उसमें हेर-फेर किया गया है। बताया कि कैडेट अक्षत मित्रा ने आरआईएमसी में दाखिले के लिए दो बार आवेदन किया था। जब पहली बार जुलाई 2021 में आवेदन किया था तो उसकी जन्मतिथि 25 नवंबर 2008 दर्ज कराई थी।
यह प्रमाण पत्र नगर पंचायत बख्सी का तालाब लखनऊ से बनवाया गया था। लेकिन, दूसरी बार जब अप्रैल 2022 में आवेदन किया तो उसके जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 23 जनवरी 2010 दर्शाई गई थी। यह प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत देवग्राम जिला नाडिया से बनवाया गया था। दोनों एडमिशन फाॅर्म में कैडेट अक्षत मित्रा की मां मालविका मित्रा के हस्ताक्षर हैं।
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शिकायत के बाद कैंट पुलिस ने कैडेट की मां मालविका मित्रा के खिलाफ प्रमाण पत्रों में हेर-फेर कर दाखिला दिखाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया और जांच कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।