7 साल से बड़ी अजीब बीमारी से लड़ रहे थे परवेज मुशर्रफ, किडनी-लीवर और हार्ट को कर देती है ब्लॉक, समझें 10 लक्षण – former pakistan president pervez musharraf passed away due to amyloidosis disease, know symptoms, risk factors and causes


पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का रविवार को दुबई के अमेरिकन हॉस्पिटल में 79 साल की उम्र में निधन हो गया। वो एमाइलॉयडोसिस (Amyloidosis) नामक बीमारी से पीड़ित थे और मार्च 2016 से उनका इलाज चल रहा था।

यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के अंगों और ऊतकों में एमाइलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने लगता है, जिससे उनका कामकाज प्रभावित होता है। चलिए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, किन लोगों का इसका खतरा होता और इससे कैसे बचा जा सकता है।

(फोटो साभार: istock and Twitter-Pervez Musharraf)

Amyloidosis क्या है?

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mayoclinic की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमाइलॉइडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है। यह बीमारी तब होती है, जब किसी इंसान के अंगों में अमाइलॉइड नामक प्रोटीन बनने लगता है। यह शरीर के अंगों को ठीक से काम नहीं करने देता है। इसका सबसे ज्यादा असर हार्ट, किडनी, लीवर, प्लीहा (spleen), नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र पर पड़ता है। इस प्रोटीन का लेवल बढ़ने से हार्ट फिलियर, किडनी फेलियर और लीवर फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है।

Amyloidosis के लक्षण

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इस बीमारी को लेकर चिंता की बात यह है कि इसके कोई विशिष्ट लक्षण नहीं हैं। यह भी संभव है कि बीमारी के बाद आपको लक्षण महसूस ही न हों। चूंकि यह विभिन्न अंगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है इसलिए जो अंग प्रभावित हुआ है, उसके आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। आमतौर पर आपके इसके लक्षणों को ऐसे समझ सकते हैं-

आंखों के आसपास बैंगनी धब्बे घेरे या धब्बे होना
जीभ का खुरदुरा होना और रंग बदलना
गंभीर थकान और कमजोरी
सांस लेने में कठिनाई
सुन्नता, झुनझुनी, या हाथ या पैर में दर्द
टखनों और पैरों में सूजन
दस्त, कब्ज या मल में खून आना
त्वचा में बदलाव, जैसे मोटा होना या आसानी से खरोंच आना

परवेज मुशर्रफ का निधन

Amyloidosis बीमारी के क्या कारण हैं?

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यह बीमारी शरीर में अमाइलॉइड्स (amyloids) बढ़ने से होती है। यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो कई अंगों और टिश्यू में जमा हो सकता है। कई बार यह बीमारी जेनेटिक होती है और कई बार बाहरी कारक जैसे सूजन से जुड़े रोग या लॉन्ग टर्म डायलिसिस भी इसकी वजह बन सकते हैं। ब्रोन्किइक्टेसिस वाले कुछ रोगियों को एमाइलॉयडोसिस का जोखिम हो सकता है।

Amyloidosis के जोखिम कारक

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मेयोक्लिनिक के अनुसार, कुछ कारक इस बीमारी का जोखिम बढ़ा सकते हैं जिनमें उम्र एक है। 60 से 70 की उम्र के लोगों का इसका अधिक जोखिम है। यह बीमारी पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है। पुरानी संक्रमित बीमारी इसका खतरा बढ़ाती है, अगर परिवार में किसी को थी तो आपको भी खतरा है, किडनी डायलिसिस से भी इसका जोखिम है।

अंगों का काम रोक देती है यह बीमारी

अंगों का काम रोक देती है यह बीमारी

अमाइलॉइड दिल की कामकाज को प्रभावित करता है जिससे दिल की धड़कन कम हो जाती है। इससे सांस की तकलीफ हो सकती है। इसी तरह से किडनी में इस प्रोटीन के जमने से उसके फिल्टर करने का काम थम जाता है। इसी तरह जब नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है, तो आपको उंगलियों और पैरों में दर्द, सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है।

डॉक्टर को कब दिखाना है

डॉक्टर को कब दिखाना है

ध्यान रहे कि इस बीमारी के अपने कोई खास लक्षण नहीं है। चूंकि यह बीमारी शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करती है, तो इसके लक्षण भी उन अंगों की खराबी से जुड़े हो सकते हैं। अगर आपको किसी अंग के खराब होने का कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर के पासा जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।



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