
जदयू को बचाने की मुहिम के साथ खुला पत्र लिखा।
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जनता दल यूनाईटेड (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपनी बात पर कायम हैं कि पार्टी कमजोर हो रही है और उसे इलाज की जरूरत है। यह इलाज कैसे हो, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधी बगावत करते हुए जदयू के लेटरहेड पर एक बैठक का आह्वान किया है। उन्होंने 19-20 फरवरी को जदयू के सभी नेताओं/कार्यकर्ताओं को पटना में विमर्श के लिए बुला लिया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने जदयू के तमाम नेताओं/कार्यकर्ताओं के लिए खुली चिट्ठी जारी है। इसके बाद बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे बरगलाने की कोशिश करार दिया है।
कुशवाहा को हटाना ही अब उपाय, प्रचारित होंगे शहीद
चाणक्य इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा के अनुसार इस चिट्ठी के बाद जदयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पास अब कुशवाहा को हटाना ही अंतिम उपाय बचा है। अगर वह नहीं हटाते हैं और इस बैठक में जदयू का कोई भी बड़ा नेता पहुंच गया तो स्थिति असहज हो जाएगी। हटा दिए जाते हैं तो जदयू में बने रहने की इच्छा वाला कोई भी नेता इस बैठक में नहीं जाएगा। सिन्हा कहते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा के सामने उमेश कुशवाहा को खड़ा करने की नीति का यह बड़ा जवाब है। अब उपेंद्र कुशवाहा शहीद होंगे तो जदयू समर्थकों के बीच उमेश कुशवाहा के लिए भी सहज परिस्थिति नहीं रह जाएगी।