रेलवे बजट:साफ-सुथरा रहेंगी एनईआर की पटरियां, ट्रेन में पानी की होगी बचत – Pressurized Flushing System Will Be Installed In 450 Lhb Coaches


रेल ट्रैक

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– फोटो : अमर उजाला

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जल संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेलवे ने कदम बढ़ाए हैं। जिसके चलते पूर्वोत्तर रेलवे की पटरियां अब पहले से ज्यादा साफ-सुथरी नजर आएंगी। साथ ही ट्रेन में पानी की भी बचत होगी। जल संरक्षण और स्वच्छता को बेहतर करने के लिए 450 लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों में लगने वाले बायो टॉयलेट में आधुनिक तकनीकी युक्त प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। बजट में इसके लिए छह करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

दरअसल, ट्रेनों के बायो टॉयलेट में एक बार फ्लश दबाने पर तीन लीटर पानी खर्च होता है। लेकिन नए सिस्टम के लगने से 1.5 लीटर पानी ही खर्च होगा। पानी की बचत के साथ बायो टॉयलेट की गंदगी भी साफ होगी। यांत्रिक कारखाना गोरखपुर में 15 कोचों में यह सिस्टम लग चुका है। अब 450 कोचों में लगाया जाएगा। एक कोच में चार टॉयलेट होते हैं, सभी टॉयलेट में प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम इस वर्ष तक लगा दिए जाएंगे।

प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम की खूबी

प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम के इलेक्ट्रो न्यूमैटिक फ्लश वाल्व के चलते फ्लश दबाने पर हवा के दबाव के साथ पानी निकलता है। हवा और पानी का मिश्रण फ्लश के माध्यम से मात्र 30 सेकेंड में बायो टॉयलेट को पूरी तरह साफ कर दगा। एक बार फ्लश दबाने पर महज 1.5 लीटर पानी खर्च होगा, जबकि सामान्य प्रक्रिया में तीन लीटर पानी खर्च होता है।



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