अगर हमारे परिवार में किसी व्यक्ति को बुखार या कोई अन्य हल्की-फुल्की बीमारी हो जाए तो हर कोई डॉक्टर बन जाता है. पैरासिटेमॉल और कुछ अन्य दवाइयां लेने का सुझाव दे देता है. लेकिन, जब एक लड़की पीरियड पेन से गुजर रही होती है तो वह इस बारे में परिवार के किसी मेल सदस्य से कोई बात नहीं करती. वैसे मेल सदस्य इस दर्द को समझ भी नहीं सकते हैं. ऐसे में केमिस्ट या मां उसे एक दवाई देती है. यह बेहद लोकप्रिय दवाई है. अधिकतर केमिस्ट इसे ही सजेस्ट करते हैं. देश में हर साल इस दवाई के करीब 570 करोड़ टैबलेट बिकते हैं. लेकिन, हम आज यह इस दवाई के बारे में कुछ डिटेल में बात करना चाहते हैं. इसकी डोज कितनी होनी चाहिए? इसके क्या साइड इफेक्ट हैं? कितना पेन होने पर दवाई लें… जैसे कई सवाल हैं जिनको लेकर परिवारों में बात नहीं होती.
दरअसल, पेट और पीरियड दर्द से राहत देने के लिए बाजार में मेफेनामिक एसिड और डाइसिक्लोमाइन (Mefenamic Acid & Dicyclomine) को मिलाकर बनी कई दवाइयां उपलब्ध हैं. इसी में से एक है मेफ्टल स्पास (Meftal Spas). एक रिपोर्ट के मुताबिक मेफेनामिक एसिड और डाइसिक्लोमाइन से बनी दवाइयों की हर साल करीब 180 करोड़ रुपये की बिक्री होती है. इसमें केवल मेफ्टल स्पास की बिक्री 155 करोड़ के आसपास है. मार्केट रिसर्च फर्म IQVIA की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हर साल इन दवाइयों की करीब 570 करोड़ गोलियां बिकती है. इसमें से केवल मेफ्टल स्पास की करीब 470 करोड़ गोलियां होती हैं. इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस दवाई का कितना व्यापक इस्तेमाल होता है.
75 फीसदी लड़कियां पीरियड के दौरान दर्द से गुजरती हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 100 में 75 लड़कियां ऐसी होती हैं जो पीरियड के दौरान ठीक-ठाक दर्द से गुजरती हैं. यह आंकड़ा 2015 में प्रकाशित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस की रिपोर्ट से सामने आया था. इसमें यह भी पाया गया था कि जिन लड़कियों की मां को पीरियड के दौरान पेन की समस्या रही थी उनमें यह दिक्कत ज्यादा थी.
केवल 5 फीसदी डॉक्टर के पास जाती हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल 5 फीसदी लड़की डॉक्टर के पास जाती है. 28 फीसदी अपना खुद से इलाज करती है. जबकि 65 फीसदी लड़कियां इस दौरान रेस्ट और घरेलू नुस्खे अपनाती हैं. इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि पीरियड के दौरान दर्द से गुजरने वाली 85 फीसदी लड़कियां परिवार या दोस्तों की सलाह पर मेफ्टल स्पास का सेवन करती हैं. यह दवाई भारतीय बाजार में 1981 से है. इसे फाइजर नामक कंपनी बेचती है.
मेफ्टल स्पास के डोज
वैसे तो इस दवा को डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं खरीदा जा सकता है. लेकिन, आमतौर पर भारत में मेडिकल स्टोरों में यह मिल जाती है. यह पेट में दर्द के साथ मामूली बुखार और हरारत-थकान से राहत देती है. जहां तक इसकी डोज की बात है तो आइडियल स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह के बिना ये दवा नहीं लेनी चाहिए. मरीज की उम्र और उसकी शारीरिक हालत के हिसाब से इसका डोज तय किया जाता है. एक सामान्य महिला एक दिन में अधिकतम तीन गोली ले सकती है. मेडिबडी डॉट इन वेबसाइट के मुताबिक इसे खाने के बाद और नॉर्मल पानी के साथ लिया जाना चाहिए. किसी भी स्थिति में मरीज को लगातार सात दिन से अधिक इस गोली का सेवन नहीं करना चाहिए. इस गोली को चबाने या टुकड़े-टुकड़े कर लेने की सलाह नहीं दी जाती. आपको कभी भी इस दवाई का डबल डोज नहीं लेना चाहिए.
मेफ्टल स्पास के साइड इफेक्ट
इस दवाई के सेवन से कई बार महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत, वोमिटिंग और जी मिचलाने जैसी दिक्कत आ सकती है. ऐसा दवाई के ओवरडोज होने से भी हो सकता है. ऐसे में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए. इसके साथ ही मां बनने की कोशिश कर रही महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए. इसके सेवन से इनफर्टिलिटी की समस्या आ सकती है. टेक्निकल भाषा में इसे रिवर्सिबल इनफर्टिलिटी (Reversible Infertility) कहा जाता है. यानी ऐसी इनफर्टिलिटी जिसे इलाज से ठीक किया जा सके.
डायबिटिक मरीज न लें मेफ्टल स्पॉस
मेफ्टल स्पास के साइड इफेक्ट की बात करें तो डायबिटीज के मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए. डायबिटीज के मरीज जब इसका सेवन करते हैं तो उनमें ब्लड शूगर का लेबल और कम हो जाने का खतरा रहता है. इसी तरह ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन कर रहे मरीजों को भी इसे लेने से बचना चाहिए.
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Tags: Period, Women Health
FIRST PUBLISHED : February 06, 2023, 16:58 IST