फर्जीवाड़ा :पोर्टल पर 35 हजार, 3.74 लाख जुर्माने का भेजा नोटिस – Hapur News


फर्जीवाड़ा : पोर्टल पर 35 हजार, 3.74 लाख जुर्माने का भेजा नोटिस

हापुड़। बिजली चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं से वसूली में बड़ी गड़बड़ी मिल रही है। पोर्टल पर दर्ज दो उपभोक्ताओं का जुर्माना सिर्फ 30 से 35 हजार रुपये है, जबकि उन्हें आरसी 3.75 लाख तक की जारी की गई हैं। प्रशासनिक और तहसील के अधिकारियों को गुमराह कर, ऊर्जा निगम के अधिकारी अपनी जेबें भर रहे हैं। ऐसे करीब 20 मामले सामने आने पर एमडी कार्यालय ने जवाब मांगा है। स्थानीय अधिकारी मामलों को दबाने में जुटे हैं।

गांव सकरपुर निवासी कुसनपाल और विपिन कुमार को अप्रैल 2022 में बिजली चोरी के मामले में पकड़ा गया था। उपभोक्ता कुसनपाल की चेकिंग रिपोर्ट में 6858 वाट और विपिन की चेकिंग रिपोर्ट में 8938 वाट भार भरा गया था। इतने भार की चोरी में जुर्माना करीब 14 लाख रुपये बनता है। लेकिन निगम के अधिकारियों ने सांठगांठ कर जुर्माना 30812 और दूसरे का 35082 रुपये बनाया। पोर्टल पर भी यही राशि अपलोड की गई, अप्रैल 2022 में इतनी धनराशि पोर्टल पर अपलोड की गई थी।

लेकिन इसके बाद अगस्त महीने में दोनों उपभोक्ताओं की आरसी जारी की गई। इसमें एक की आरसी 3.74 लाख और दूसरे की आरसी 3.12 लाख रुपये थी, आरसी के प्रपत्र तहसील में भेजे गए। बता दें कि राजस्व से जुड़ी प्रशासनिक अधिकारी की संस्तुति पर ही आरसी पर कार्रवाई होती है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी इसमें गुमराह कर दिया।

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पोर्टल पर जुर्माना महज 30 से 35 हजार रुपये का था, तो इसके बाद आरसी 3.75 लाख रुपये तक की क्यों जारी की गई। ऐसे करीब 20 मामले जांच टीम की पकड़ में आए हैं। एमडी कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई हैं, वहां से भी जवाब तलब किया गया है।

प्रपत्र चार में भी मिली थी खामियां

ऊर्जा निगम के उपभोक्ताओं को चोरी पकड़े जाने के बाद जारी किए जाने वाले प्रपत्र चार में भी बड़े स्तर पर खामियां मिली हैं। उपभोक्ताओं को जो जुर्माना बनाकर प्रपत्र भेजा गया है, वह लाखों में है। जबकि पोर्टल पर यह जुर्माना हजारों में ही निपटाया गया है। विजिलेंस ने ऐसे करीब 200 नोटिस उच्चाधिकारियों को भेजे हैं।

फर्जीवाड़े की फाइल दबा रहे अधिकारी

विजिलेंस ने हापुड़ के तीनों डिवीजन कार्यालय में किए गए करोड़ों के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर, साक्ष्य अधिकारियों को सौंपे हैं। लेकिन इस फर्जीवाड़े की फाइलों को अधिकारियों ने दबाया हुआ है। शासन को भी गुमराह किया जा रहा है।

प्रकरण की चल रही है गोपनीय जांच

प्रपत्र चार और प्रपत्र दो में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, इस प्रकरण की उच्चस्तरीय टीम गोपनीय जांच कर रही हैं। गड़बड़ी करने वालों को सजा अवश्य मिलेगी, स्थानीय स्तर पर नजर बनाए हुए हैं।–यूके सिंह, अधीक्षण अभियंता।



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