अन्य मसालों की तुलना में सौंफ आपके दिल और आंतों के लिए एक बढ़िया मसाला है। आमतौर पर मसाले गर्म होते हैं और पेट को आराम नहीं देते हैं लेकिन सौंफ ठंडा होता है और पेट को ठंडा रखने का काम करता है।
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, सौंफ पाचन के लिए सबसे बढ़िया चीज है। यह अपने ठंडे और मीठे गुणों के कारण पित्त को बढ़ाए बिना अग्नि (पाचन अग्नि) को मजबूत और गर्म करता है। इसे एक त्रिदोष जड़ी बूटी माना जाता है जो वात और कफ को संतुलित करती है जोकि बेहतर पाचन के लिए जरूरी है।
सौंफ खाने के आयुर्वेदिक लाभ
सौंफ के औषधीय गुण

गुना – लघु (पचाने के लिए हल्का), और स्निग्धा (चिकना, तैलीय)
रस (स्वाद) – मीठा, तीखा और कड़वा
विपाक (पाचन प्रभाव के बाद) – मीठा
वीर्य (शक्ति) – गर्म
वात और कफ को संतुलित करने वाला
सौंफ के आयुर्वेदिक फायदे

बल्या – शक्ति और प्रतिरक्षा में सुधार करने वाला
पित्तसरादोषजित – अधिक गर्मी के कारण होने वाले रक्तस्राव विकारों में उपयोगी
अग्निक्रूत – पाचन में सुधार करने वाला
हृदय– दिल के लिए अच्छा, कार्डियक टॉनिक
शुक्रापहा, आयुष – कामोत्तेजक नहीं है
योनीशूलनट – मासिक धर्म के दौरान दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी
ब्रेस्फीडिंग बढ़ाने में सहायक

सौंफ एक मसाला है, जो महिलाओं के लिए बढ़िया काम करता है। सौंफ के रस का धातु पर विशेष प्रभाव पड़ता है, जो स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन के दूध के प्रवाह को बढ़ावा देता है।
आयुर्वेद के अनुसार इन विकारों को करता है खत्म

क्रुमी – कीड़े
बद्धवित – कब्ज
अनिला – वात / सूजन
दाहा – जलन महसूस होना
अरुचि – अरुचि, भोजन में रुचि की कमी
चर्दी – उल्टी
कासा – खांसी, जुकाम
सौंफ के अन्य फायदे

इसके सात्विक गुण मन को ताजा करते हैं और मानसिक सतर्कता को बढ़ावा देते हैं। इससे आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। सौंफ श्वसन तंत्र में बढ़े हुए कफ को भी कम करता है जोकि फेफड़ों का दुश्मन है।
कैसे करें सौंफ का सेवन

स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भोजन के बाद 1 चम्मच सौंफ खाना बढ़िया तरीका है। वजन घटाने, डायबिटीज, पीसीओएस, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल और अन्य आंतों के विकारों के लिए सौंफ की चाय पीनी चाहिए। पित्त और गर्मी से जुड़े विकारों को शांत कने के लिए इसका इस्तेमाल ठंडा शरबत बनाने में करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।