
डोडा के घरों में आई दरारें
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डोडा के ठाठरी में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के वैज्ञानिकों की टीम ने दरार आने के बाद क्षेत्र का दौरा किया। टीम ने कुछ घरों में दरारें आने के बाद भू धंसाव का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। डोडा के डीसी विशेष पॉल महाजन ने बताया कि 19 घरों और दो अन्य प्रतिष्ठानों में दरारें आई है।
जीएसआई की टीम इसकी जांच कर रही है। इसके लिए नमूने लिए हैं। पता लगाया जा रहा है कि इलाके में दरारें आने की वजह क्या है। आपदा प्रबंधन के तहत लोगों की मदद की जा रही है। सबसे पहले दिसंबर में ठाठरी के नई बस्ती के लोगों ने अपने घरों में दरारें देखीं थी।
डोडा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अतहर आमिर जरगर ने बताया कि प्रभावितों की हर संभव मदद की जा रही हैं। डोडा में भी उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह भू धंसाव हो रहा है।
एलजी बोले- डोडा में जोशीमठ जैसे हालात नहीं, घबराएं न लोग
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिला डोडा के ठाठरी की नई बस्ती में जोशीमठ जैसे हालात नहीं हैं। इसके लिए घबराएं नहीं। प्रशासन घटना पर नजर बनाए हुए है। प्रभावित लोगों के लिए सभी उचित इंतजाम किए जा रहे हैं। इस मामले में विशेषज्ञ अपना काम कर रहे हैं।
बीते दिन नई बस्ती इलाके में भूस्खलन के बाद 19 भवनों में दरारें आ गई थीं। इसके बाद इनमें रह रहे 117 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। कई मकान धराशायी हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से घाटी में भेजने से पहले कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने के मामले पर एलजी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूर्ण सुरक्षा मुहैया करवा रहा है। कश्मीरी पंडितों को भिखारी कहे जाने के आरोप पर सिन्हा ने कहा कि मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि मैं किसी को भिखारी नहीं कह सकता। कुछ लोग जम्मू-कश्मीर में आते हैं और मनोरंजन करके चले जाते हैं।