
rehbar e khel teacher protest
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रहबर-ए-खेल शिक्षकों का धरना जम्मू शहर के भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर 49वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द उनकी मांगें मानी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अब लिखित में आदेश मिलने के बाद ही घर लौटेंगे।
रहबर-ए-खेल शिक्षक डॉ. नासिर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन जल्द हमारी समस्याओं का हल करने वाला है। कुछ ही दिनों में हमारे लिए अच्छी खबर आएगी। उन्होंने कहा कि वह इसी इंतजार में बैठे हैं कि जल्द गुड न्यूज सामने आए। इसके बाद हम अपने घर लौट जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को पढ़े-लिखे लोगों की जरूरत है, तो उन्हें पढ़े-लिखे लोगों की बात भी माननी पड़ेगी। उन्होंने कहा हमें काम करते हुए पांच साल हो गए हैं। हमारी समस्या का एक बार में ही समाधान हो, ताकि लगभग 2600 रहबर-ए-खेल शिक्षक नियमित हों। गौरतलब है कि रहबर-ए-खेल शिक्षकों की मांग है कि उनके नियमितिकरण की अवधि को सात साल से कम कर पांच साल की जाए।
रहबर-ए-जंगलात कर्मचारियों ने दिया धरना
नियमितिकरण की मांग को लेकर रहबर-ए-जंगलात के कर्मचारियों का प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा। कर्मचारी 44 दिनों से प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि इसी प्रदेश में रहबर-ए-जिरात को 42 सौ ग्रेड पे दे रहे हैं, तो हमें 19 सौ ग्रेड पे क्यों? हमें यह मंजूर नहीं है। हम तब तक बैठे रहेंगे, जब तक हमें लिखित में आदेश नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि जब हमें लगेगा कि यहां हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब हम लोग जंतर-मंतर का रूख करेंगे।
रहबर-ए-जंगलात कर्मचारी जगदीश सिंह ठाकुर ने कहा कि साल 2017 में भाजपा और पीडीपी गठबंधन के सरकार में रहबर स्कीम के तहत हमें रहबर-ए-जंगलात के रूप में नियुक्त किया गया था। हमारा नियमितिकरण अवधि पांच साल था, जिसके बाद 42 सौ ग्रेड पे पर हमें नियमित किया जाना था, लेकिन पांच साल छह महीने हो जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि रहबर योजना के तहत ही रहबर-ए-जिरात और रहबर-ए-तालिम की भी नियुक्ति की गई थी, लेकिन उन्हें 42 सौ ग्रेड पे पर नियमित कर दिया गया, जबकि हमें 19 सौ ग्रेड पे देने की बात कर रहे हैं। यह हमारे साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि रहबर योजना के तहत सबसे कम वेतन रहबर-ए-जंगलात को दिया जा रहा है।