गौरेला- पेंड्रा- मरवाही :जिले के स्थापना दिवस पर अरपा महोत्सव का आयोजन, 10 फरवरी को कार्यक्रम – Gorela-pendra-marwahi Arpa Festival Organized Foundation Day District


आला अफसरों ने साईक्लोथॉन में हिस्सा लिया

आला अफसरों ने साईक्लोथॉन में हिस्सा लिया
– फोटो : अमर उजाला

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गौरेला- पेंड्रा- मरवाही जिला के स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे अरपा महोत्सव के दौरान आज बिलासपुर रेंज के आईजी बद्रीनारायण मीणा सहित जिले के आलाधिकारियों ने साईक्लोथॉन में हिस्सा लिया और सायकल चलाई है।

दरअसल इन दिनों जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा अरपा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमे 10 फरवरी को बड़े रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में आज बिलासपुर रेंज के आईजी बद्रीनारायण मीणा सहित जिले के आलाधिकारियों ने साईक्लोथॉन में हिस्सा लिया और करीब 45 किलोमीटर की साइकलिंग की। बिलासपुर रेंज के आईजी दो दिनों के जिले के दौरे पर हैं और आज उन्होने साईक्लोथाॉन के आयोजन में शिरकत की और हाईस्कूल पेंड्रा के मैदान से मध्यप्रदेश के अमरकंटक से सटे कबीर चबूतरा तक करीब 45 किलोमीटर सायकल चलायी। 

आईजी के साथ आज जिले के एसपी योगेश पटेल और एएसपी अर्चना झा ने भी साईकिलिंग की। वहीं अरपा महोत्सव के साईक्लोथॉन के लिये आज कई प्रदेशो से साईक्लिस्ट भी पहुंचे और अलग अलग स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वहीं गौरेला पेंड्रा शहरों के बीच सिटी सर्किल में आयोजित साईकिलिंग प्रतियोगिता में काफी संख्या में स्थानीय नागरिक, अधिकारियों के साथ ही स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया।

जिला प्रशासन ने सायक्लोथॉन का आयोजन 3 वर्गो में किया मल्टीपर्पस शाला मैदान पेंड्रा से गौरेला (सिटी सर्किट) 20 किलोमीटर, तो दूसरा पेंड्रा से केंवची 30 किलोमीटर वं पेंड्रा से अमरकटक से सटे कबीर चबूतरा 50 किलोमीटर की रूट तय किया गया। वहीं साईक्लोथॉन इवेंट में भाग लेने वाले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के बाहर के प्रतिभागियों को कल जिले के अनेक पर्यटन स्थलों का आनंद लिया। उन्होंने प्रकृति की गोद मे बसे मलनिया डैम की सुंदरता का आनंद लिया और डूमर पानी में प्राकृतिक जलश्रोत में पानी पी कर लुफ्त उठाया। 

प्रतिभागियों ने जिले की सबसे ऊंची चोटी राजमेरगढ से ढलती शाम में डूबते सूर्य का नजारा लिया, मैकल पर्वत के निचली शिखर में बसे गौरेला अंचल की सुंदरता को देख कर प्रसन्न हुए। वे जलेश्वर महादेव और जोहिला नदी का उद्गम भी देखे। जिले के बाहर से आए प्रतिभागियों को पर्यावरणविद श्री संजय पयासी ने रिवर कंजरवेशन और जैवविविधता के बारे में जानकारी दी।



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