खुलासा:धन के लालची भाई ने भाई-भाभी, भतीजी को मार डाला, अंगीठी के धुएं से हादसा दिखाया, अखबार से लिया आइडिया – Greedy Brother Kills Family Of Brother In Bhiwani Of Haryana


हरियाणा के भिवानी में सुनियोजित हत्या को हादसे का रूप देने के लिए सगे बड़े भाई बिजेंद्र ने ही जेबीटी शिक्षक जितेंद्र के परिवार को मौत की नींद सुलाने की साजिश छह माह पहले रच डाली थी। जिसे अंजाम देने के लिए तीनों को जूस में छह पत्ते नींद की दवा पिलाई और फिर नींद में ही उनके कमरे में अंगीठी का धुंआ कर उन्हें हमेशा के लिए सुला दिया।

छोटे भाई की करोड़ों रुपयों की संपत्ति को हड़पने के लालच में बिजेंद्र अपने ही भाई के परिवार का हत्यारा बन बैठा। हत्या से एक दिन पहले ही बिजेंद्र गुरुग्राम से अंगीठी खरीदकर लाया था। रविवार को पुलिस ने अपने छोटे भाई के परिवार की साजिश के तहत हत्या करने के आरोपी बिजेंद्र और उसके साथी प्रदीप को गिरफ्तार कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है।

दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस दौरान हत्या से जुड़े कई राज उगलने अभी बाकी हैं। विद्या नगर निवासी प्रदीप के खिलाफ सदर थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। चांग गांव में प्रदीप होटल चलाता है।

नई बस्ती निवासी जेबीटी शिक्षक जितेंद्र (45), उसकी पत्नी सुशील (42) और दसवीं में पढ़ने वाली हिमानी (16) 27 जनवरी को घर पर एक ही बेड पर संदिग्ध हालत में मृत अवस्था में मिले थे। पुलिस ने मौके पर प्रारंभिक जांच में अंगीठी से दम घुटने की वजह से तीनों की मौत मान रही थी। पोस्टमार्टम में भी मौत की वजह दम घुटने से ही पता लगी थी।

लेकिन पुलिस और परिजनों को कई सवालों के जवाब ढूंढने बाकी थे, जिनकी तहकीकात में शक की सूई जितेंद्र के बड़े भाई बिजेंद्र उर्फ डॉक्टर के ईद-गिर्द की ओर ही घूम रही थी। इसके बाद पुलिस ने बिजेंद्र को हिरासत में लिया और उसे पूछताछ की। इसके बाद बिजेंद्र ने हत्या का राज पुलिस के सामने उगल दिया।

पुलिस के सामने बिजेंद्र ने बताया कि वह अपने छोटे दिव्यांग भाई जेबीटी टीचर जितेंद्र की संपत्ति पर नजर रखता था। वह नहीं चाहता था कि उसके छोटे दिव्यांग भाई की शादी हो और वह संपत्ति में हिस्सेदार बने। लेकिन जितेंद्र ने न केवल अपनी काबिलियत पर खुद की प्रॉपर्टी को बढ़ाया, बल्कि बिजेंद्र का नई बस्ती वाला मकान भी 58 लाख रुपये में खरीद लिया था।

इसके बाद तो बिजेंद्र का लालच और बढ़ गया। इसी लालच में बिजेंद्र ने प्रॉपर्टी को लेकर अपनी सगी बहन से भी अनबन कर ली थी। उसने खुलासा किया कि छह माह पहले ही उसके दिमाग में छोटे भाई और उसके परिवार को खत्म करने की साजिश रच दी थी। लेकिन अखबार में अंगीठी से मौत की खबरें पढ़ने के बाद उसे इसका आइडिया आया।

उसने 25 जनवरी को गुरुग्राम से नई अंगीठी खरीदी और फिर वह अपने भाई के घर पहुंचा। 26 जनवरी को आरोपी बिजेंद्र अपने छोटे भाई और उसके बीवी और बेटी को अपनी गाड़ी में बैठाकर अपने पैतृक गांव बड़ी भैणी में परिजनों से मिलाने भी लेकर गया। शाम को जब वे गाड़ी से तीनों लौट रहे थे तो उसने छह माह पहले अपना मकसद पूरा करने के लिए खरीदी नींद की गोलियों को बड़ चौक पर एक जूस की दुकान पर जूस लेने के दौरान मिला दिया। तीनों को छह पत्ते नींद की गोलियों की ओवरडोज दी गई।



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