
धौलू के किसान राजपाल मंगलाव अपने खेत में गुलाब के फूलों की खेती दिखाते हुए
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हरियाणा के फतेहाबाद जिले के धौलू गांव में किसानों का रुझान परंपरागत फसलों के बजाय फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है। इन दिनों गुलाब व गेंदा फूल की खेती से ज्यादा मुनाफे की खुशबू आ रही है। धौलू क्षेत्र में लगातार फूलों का रकबा बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्षों से एक एकड़ जमीन में गेंदा व गुलाब के फूलों की खेती कर रहे धौलू के किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि एक एकड़ में 15 हजार रुपये की लागत आती है।
लगातार सालभर में कई क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। 90 से 120 रुपये प्रति किलो तक फूल बिक जाते हैं। इस खेती से प्रति वर्ष लाखों रुपये प्रति एकड़ मुनाफा हो जाता है। यहां का फूल फतेहाबाद, रतिया व भूना बेचा जाता है। दीपावली पर तो यह फूल दिल्ली व हिसार की मंडियों तक भी जाती है।
गुलाब का एक बार लगाया हुआ पौधा 20 वर्षों तक देता है पैदावार
किसान राजपाल ने बताया कि क्षेत्र में पानी की कमी है, यही वजह है कि कई किसान गुलाब व गेंदे के फूलों की खेती करने लगे हैं। किसान ने बताया कि गुलाब का एक बार लगाया हुआ पौधा 20 वर्षों तक पैदावार देता है और खर्चा भी कुछ नहीं लगता। उन्होंने बताया कि मात्र फंगस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतनी पड़ती है। किसान ने बताया कि कीटनाशक छिड़काव नहीं करते, क्योंकि मित्र कीट मधुमक्खियां के लिए खतरा बन जाता है। फूलों के पौधों के लिए मधुमक्खियां संजीवनी बूटी का काम करती हैं।
फायदे का सौदा है गुलाब व गेंदे की खेती
किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि गुलाब व गेंदे की खेती फायदे का सौदा है। हर वर्ष गुलाब व गेंदे के फूल से दोगुनी कमाई हो जाती है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कोहरे के कारण गेंदे के पौधों को नुकसान हुआ है, मगर गुलाब पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
किसान ने बताया कि गेंदे के अच्छे उत्पादन के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती है। अधिक गर्मी एवं अधिक सर्दी पौधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उत्पादन के लिए तापमान 15.30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। उच्च तापमान, अधिक ठंड एवं पाला का गेंदे की फसल पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए इससे फसल को बचाना बेहद जरूरी होता है।
कृषि मंत्री ने प्रगतिशील किसान का अवाॅर्ड देकर किया सम्मानित
गांव धौलू के किसान राजपाल मंगलाव को फूलों की खेती से आर्थिक रूप से समृद्ध होकर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए। किसान ने परंपरागत खेती को छोड़कर 5 वर्ष पहले फूलों की खेती शुरू की थी। जिससे किसान राजपाल मंगलाव ने कई गुना मुनाफा कमाया। इसलिए 23 दिसंबर 2022 को किसान दिवस पर चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में प्रगतिशील किसान का अवाॅर्ड हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने देकर सम्मानित किया। किसान राजपाल ने फूलों की खेती से होने वाली आमदनी के बारे में भी दूसरे किसानों को विस्तार पूर्वक जागरूक किया।
फूलों की खेती के लिए ऊंचे स्थान का चयन करें : डॉ. सुभाष
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर सुभाष चंद्र का कहना है कि गुलाब व गेंदे की खेती वर्षभर की जा सकती है। फूलों की खेती फायदे का सौदा है। इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। फूलों की खेती के लिए ऊंचे स्थान का चयन करना चाहिए। जिसमें समुचित जल निकास हो और खेत का स्थान छाया रहित होना चाहिए। जिस जगह पर गेंदे की खेती करनी हो, वहां की मिट्टी को समतल किया जाना चाहिए।